ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह हिरासत में.......
छत्तीसगढ़ में कथित दो हजार करोड़ के शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने सोमवार को ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह को हिरासत में ले लिया है। इससे पहले टीम पूछताछ के आधार पर लगातार उनकी तलाश कर रही थी। इस बीच पता चला कि अरविंद सिंह अपनी मां के अंतिम संस्कार में मुक्तिधाम पहुंचा है। ईडी ने वहीं से उसे पकड़ लिया। ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह को ईडी की गिरफ्त में आए आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति का करीबी बताया जा रहा है।
शराब कारोबारी से पूछताछ के बाद कार्रवाई
दरअसल, प्रदेश में शराब घोटाले को लेकर ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। इससे पहले पुलिस ने दुर्ग से शराब कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि उससे हुई पूछताछ के आधार पर ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह भी ईडी की रडार पर आ गया। अरविंद सिंह की भी तलाश शुरू की गई, लेकिन वह फरार हो गया। अरविंद सिंह की मां कलावती देवी का रविवार को निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अरविंद भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम पहुंचा था।
अरुण पति का बताया करीबी
भिलाई के खुर्सीपार निवासी अरविंद सिंह के मुक्तिधाम पहुंचने की सूचना पर ईडी ने भी वहां घेराबंदी कर दी। अंतिम संस्कार की विधि पूरी होते ही ईडी ने अरविंद को हिरासत में ले लिया और टीम उसे लेकर अपने साथ चली गई। इस दौरान वहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय, विधायक देवेंद्र यादव सहित तमाम लोग मौजूद थे। ईडी ने इससे पहले पिछले महीने आबकारी विभाग के सचिव अरुण पति त्रिपाठी को मुंबई से गिरफ्तार किया था। अरविंद सिंह को उनका ही करीबी बताया जा रहा है।
ईडी ने शराब सिंडिकेट चलाने का किया है दावा
इससे पहले ईडी ने दावा किया कि IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर अवैध रूप से शराब सिंडिकेट चला रहे थे। दोनों उस सिंडिकेट के सरगना थे। जांच में यह भी पता चला है कि 2019 से 2022 तक, राज्य में कुल शराब बिक्री में करीब 30 से 40 प्रतिशत अवैध रूप से की गई। भ्रष्टावार की रकम का इस्तेमाल चुनाव में प्रचार में किया गया। शराब कारोबारी अनवर ढेबर को ईडी ने छह मई को गिरफ्तार किया था। कारोबारी अनवर ढेबर कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई हैं।
अनवर के कहने पर CSMCL का प्रबंध निदेशक बना
ईडी ने कहा था कि, छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) को अपने स्टोरों के माध्यम से राज्य में शराब की खुदरा बिक्री की जिम्मेदारी दी गई। मई 2019 में, अनवर के कहने पर अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का प्रबंध निदेशक बनाया गया था। इसके बाद त्रिपाठी को CSMCL की ओर से खरीदी गई शराब पर वसूले जाने वाले रिश्वत कमीशन को अधिकतम करने और निगम की संचालित दुकानों में गैर-शुल्क भुगतान वाली शराब की बिक्री के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का काम सौंपा गया।