मंदसौर, नीमच और रतलाम में बारिश, ओलों से पटीं सड़कें
मंदसौर मार्च माह में भी पश्चिमी विक्षोभ के आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। वर्तमान में भी एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उससे लगे उत्तर भारत पर बना हुआ है। इसके अलावा अलग-अलग स्थानों पर तीन अन्य मौसम प्रणालियां भी बनी हुई हैं। इससे मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं बारिश हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार को भी ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों के अलावा सीहोर, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, उज्जैन, धार, देवास, नीमच, मंदसौर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं। शुक्रवार से इन जिलों का मौसम साफ होने के आसार हैं। सैलाना थाना क्षेत्र के ग्राम धामनोद में एक खेत में बिजली गिरने से 25 वर्षीय युवक की मौत हो गई।
मंदसौर, नीमच और रतलाम में गेहूं, मसूर, चना, मैथी सहित अफीम की फसल को नुसान
अंचल में तीसरे दिन बुधवार को भी बेमौसम बारिश हुई। मंदसौर जिले की सीतामऊ, दलौदा तहसील के कुछ गांवों में बारिश के साथ ओले भी गिरे। तेज हवा से गेहूं की फसल आड़ी हो गई। गेहूं, मसूर, चना, मैथी सहित काला सोना यानी अफीम की फसल को नुकसान पहुंचा है। धुंधड़का, करजू, नंदावता, आकोदड़ा, नगरी, साखतली सहित लगभग 20 से अधिक गांवों में ओले गिरने की खबर है। कलेक्टर गौतमसिंह ने बताया कि ओलावृष्टि की सूचनाएं आ रही हैं। राजस्व दल भेजकर वास्तविक स्थिति का सर्वे कराएंगे।
रतलाम जिले में कई स्थानों पर रिमझिमतेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे खड़ी और काट कर रखी फसलों में नुकसान पहुंचा। किसानों ने शासनप्रशासन से नुकसानी का आकलन कराकर मुआवजा देने की मांग की है। नीमच जिले के झांतला, महागढ़, देवरी खवासा, खजूरी सहित करीब एक दर्जन गांवों में बारशि के साथ ओले गिरे। इससे फसलों को नुकसान हुआ है।