भाजपा में शामिल होंगी प्रियंका मीना
आज भोपाल में थाम सकती हैं भाजपा का दामन; चांचौड़ा में बदलेंगे राजनैतिक समीकरण
भोपाल । गुना जिले के चांचौड़ा इलाके में बड़ी राजनैतिक हलचल होने जा रही है। सूत्रों की मानें तो प्रियंका मीना पेंची रविवार को भाजपा में शामिल हो सकती है। दोपहर 12 से 1 बजे के बीच भोपाल में वह भाजपा की सदस्यता ले सकती हैं। इसे चांचौड़ा इलाके में बड़ी राजनैतिक हलचल के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले से स्थापित कुछ नेताओं के समीकरण बिगड़ सकते हैं।
बता दें कि प्रियंका पेंची तीन वर्ष पहले ब्याहकर राजस्थान से गुना आयीं थी। उनके पति आईआरएस हैं और वर्तमान में दिल्ली में पदस्थ हैं। प्रियंका मीना उस समय सबसे ज्यादा चर्चा में आयीं, जब उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। वार्ड 16 से वह चुनावी मैदान में उतरीं थीं। उनके सामने पूर्व विधायक ममता मीना, निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना चौहान थीं। बेहद कम समय मे ही उन्होंने क्षेत्र में अपनी पहचान के दम पर यह चुनाव लड़ा। वह ममता मीना से महज 235 वोट से चुनाव हार गईं थी। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना चौहान तीसरे नंबर पर रहीं थी।
चुनाव के बाद चांचौड़ा क्षेत्र में यात्राओं का दौर लगातार जारी है। पूर्व विधायक ममता मीना त्रिदेव यात्रा के बाद अब विकास यात्रा में शामिल हो रही हैं। चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह ने चांचौड़ा को जिला बनाने के लिए यात्रा निकाली। इसके बाद अब वह कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा में जा रहे हैं। इन सभी यात्राओं पर बीनागंज से राजस्थान के कामखेड़ा बालाजी मंदिर तक निकाली गई प्रियंका पेंची की यात्रा भारी पड़ी। उनकी यात्रा में हजारों की संख्या में नागरिक शामिल हुए। दो दिवसीय यात्रा में 20 हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने का दावा किया गया था।
बदल जाएंगे समीकरण
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रियंका मीना रविवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकती हैं। यह होता है तो चांचौड़ा में नये राजनैतिक समीकरण सामने आएंगे। वर्तमान में भाजपा से पूर्व विधायक और जिला पंचायत सदस्य ममता मीना जोर-शोर से तैयारी कर रही हैं। उन्हें भाजपा से टिकट की प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय बनी हुई हैं। उधर, प्रियंका पेंची ने भी यात्राएं और क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। प्रियंका पेंची भाजपा में शामिल होती हैं, तो ममता मीना के सामने एक प्रतिद्वंद्वी और बढ़ जाएगा। वहीं क्षेत्र के राजनैतिक समीकरण तेजी से बदलेंगे।