दलहनी खेती पर भारी पड़ेगी नीतिगत खामियां
नई दिल्ली। दलहनी फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार जहां कई तरह की सहूलियतें दे रही है वहीं उचित मूल्य दिलाने की नीतियों में खामियों से योजना को धक्का लग सकता है। खुले बाजार में प्रमुख फसल चना का दाम एमएसपी के मुकाबले 800 रुपये नीचे चल रहा है। मसूर को छोड़ बाकी दलहनी फसलों के मूल्य संतोषजनक नहीं हैं। दलहनी फसलों के कुल उत्पादन में चना की हिस्सेदारी लगभग 50 फीसद है। सरकारी एजेंसी की खरीद बिक्री नीति के चलते सिर्फ मुट्ठीभर किसानों को इसका लाभ मिल पा रहा है। दीर्घकालिक नीति के अभाव में दालों में आत्मनिर्भरता का दावा विफल हो सकता है।