नई शराब नीति का भाजपा में ही विरोध
उमा भारती बोली- इज्जत और जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे, मैं शर्मिंदा हूं
भोपाल । प्रदेश में शुक्रवार से नई शराब नीति लागू हो गई है। इसके साथ ही विरोध भी शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ भाजपा के नेता भी विरोध में उतर गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का कहना है कि इज्जत और जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे, मैं शर्मिंदा हूं। वहीं रीवा में भाजपा विधायक ने शराब दुकान खोलने का विरोध करते हुए धरना दिया है।पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी के लिए मोर्चा खोल रखा है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने शुक्रवार को लगातार चार ट्वीट किए। उमा भारती ने इस बार शिवराज सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की महिलाओं व बेटियों के साथ हूं। शराबखोरी के शिकार हो रहे बेटों के लिए भी चिंतित हूं। उनकी इज्जत व जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे हैं, इस पर शर्मिंदा भी हूं। उन्होंने कहा कि शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं। शुक्रवार को हमने मध्यप्रदेश में नई शराब नीति लागू की है। इसमें लोगों को ज्यादा शराब कैसे पिलाई जा सके, अहातों में ज्यादा शराब कैसे परोसी जा सके, इस व्यवस्था को निश्चित किया है। इसका विरोध किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ व दिल्ली की शराब नीति के विरोध में भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाइयां सड़क पर उतर आई हैं।
मार्च में शुरू किया था आंदोलन
उमा भारती पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही है। सामाजिक आंदोलन की बात कह रही है। उन्होंने अपना अभियान 13 मार्च को भोपाल के भेल इलाके में बरखेड़ी स्थित शराब दुकान से किया था। उन्होंने दुकान में रखी बोतलों पर पत्थर मारा। इसके अगले ही दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर बताया कि उन्होंने यह कदम किस मजबूरी में उठाया। उसके कुछ दिन बाद निवाड़ी में उन्होंने कहा था कि शराबबंदी को लेकर जनप्रतिनिधियों को सतर्क रहने की जरूरत है। मैंने शराब दुकान पर मारा पत्थर एक चेतावनी थी और यह एक शुरुआत है। जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी निभाएं नहीं तो बड़ा जन आंदोलन का रूप ले लेगा।
भाजपा विधायक धरने पर
रीवा के सेमरिया से भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी ने शराब दुकान खोलने का विरोध किया है। वे शुक्रवार को रीवा शहर के उर्रहट मोहल्ले की शराब दुकान बरा मोहल्ले में खोले जाने के खिलाफ धरने पर बैठ गए। उनके साथ भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद थे।