मप्र में पुलिस अफसरों पर ऑन ड्यूटी हमले पहले भी हो चुके
गुना आरोन में शिकारियों के साथ मुठभेड़ में एक एसआई सहित 3 पुलिसकर्मियों की मौत ने अपराधियों के बुलंद हौसला को उजागर कर दिया है। मध्यप्रदेश में ऑन ड्यूटी पुलिस अफसरों को निशाना बनाना कोई नई बात नहीं है। गुना जिले की घटना एक बार फिर करीब 10 साल की उस दर्दनाक घटना को ताजा कर दिया है, जब खनन माफियाओं ने एक युवा IPS अधिकारी नरेंद्र सिंह को ट्रैक्टर से कुचल दिया था। कुछ इसी अंदाज में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात काले हिरण के शिकारियों ने ऑन ड्यूटी पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर मौत के घाट उतार दिया। यह घटना गुना जिले शहरोक गांव के पास मौनवाड़ा के जंगल में हुई।
साल 2012 का ये है पूरा मामला
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में नियुक्त युवा IPS अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह ने अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे थे। नरेंद्र कुमार सिंह साल 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और ट्रेनिंग के दौरान मुरैना जिले के बामौर में प्रशिक्षु पुलिस अनुमंडल अधिकारी (SDOP) के तौर पर तैनात किए गए थे। जिले के बामौर कस्बे में जब उन्हें अवैध पत्थर खनन की जानकारी मिली थी तो उन्होंने खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की और जब कुछ अपराधियों पर शिकंजा कसने गए थे तो उन्होंने IPS नरेंद्र कुमार को कुचलकर मार डाला था।
IPS नरेंद्र सिंह ने रोकी थी पत्थरों से भरी ट्रॉली
जब आईपीएस नरेंद्र सिंह धरपकड़ के लिए गए थे तो उनके साथ एक ड्राइवर और गनर था। जब रास्ते में उन्हें पत्थरों से भरी एक एक ट्रैक्टर ट्रॉली नजर आई तो उन्होंने ट्रैक्टर ट्रॉली को रोकने का इशारा किया लेकिन ड्राइवर ट्रॉली लेकर भागने लगा। इसके बाद नरेंद्र कुमार अपनी जीप से उतर गए और ट्रैक्टर के आगे जाकर उसे रोकने का इशारा किया, लेकिन ड्राइवर ने ट्रैक्टर नहीं रोकी और पत्थरों से भरी ट्रैक्टर उनके ऊपर चढ़ा दी। इस घटना में IPS अधिकारी नरेंद्र कुमार की मौत हो गई थी। ट्रैक्टर चला रहे ड्राइवर की पहचान मनोज गुर्जर के तौर पर हुई थी। बाद में पुलिस ने मनोज गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया था।
मुरैना में खूब होता है पत्थरों का अवैध उत्खनन
IPS नरेंद्र सिंह ने अवैध खनन में लगे कई वाहनों के जब्त किया था और कई अवैध खनन कर रहे लोगों का लाइसेंस भी रद्द किया था। इस हत्याकांड में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न्यायिक जांच के आदेश भी दिए थे। IPS नरेंद्र कुमार की पत्नी मधुरानी तेवतिया भी एक IAS अफसर थीं और जिस समय नरेंद्र कुमार सिंह की हत्या हुई थी, तब वह गर्भवती थी और मौत के एक सप्ताह बाद ही उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया था।