आनलाइन सट्टा के लिए किराये से लिए कई मकान
भिलाई। आइपीएल की सीरिज शुरू होने के पहले शहर में कई मकानों में नए किरायेदार रहने के लिए आए हैं। ये किरायेदार कालेज छात्र बनकर रह रहे हैं। जबकि पुलिस को जानकारी मिली है कि छात्र बनकर किराये पर आए युवा आनलाइन सट्टा के लिए प्रसिद्ध हो चुकी महादेव बुक के आइडी होल्डर हैं।
ये युवा रोजाना लाखों रुपये का दांव लगा रहे हैं। महादेव बुक नाम की साइट बनाने वाले सटोरियों व उनके सहयोगियों ने ही इन युवाओं को अन्य शहरों से यहां पर लाकर रखा है। ताकि आइपीएल के दौरान ये लोग बुकी बनकर सट्टा को संचालित कर सकें।
नेहरू नगर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर नाम के दो युवकों ने मिलकर महादेव बुक नाम की साइट की शुरुआत की थी। पहले ये दोनों नेहरू नगर में जूस की दुकान चलाते थे।
सट्टा का कारोबार चल पड़ने के बाद दोनों दो साल पहले दुबई चले गए और वहीं से रहकर सट्टा का कारोबार संचालित करने लगे। उन्होंने परंपरागत सट्टा पट्टी वाले खेल को ऑनलाइन प्लेटफार्म दिया और शहर के तीन बड़े व्यापारियों की मदद से इस कारोबार को स्थापित किया।
इसके बाद शहर के कुछ पुराने हिस्ट्रीशीटर और बदमाशों के साथ ही बेरोजगार युवाओं को इसमें शामिल किया। वर्तमान में महादेव बुक का पूरे देश भर में संचालन हो रहा है। कमीशन पर बैंक अकाउंट खोलकर रुपयों का लेनदेन किया जा रहा है और देश भर में रोजाना करोड़ों रुपये का खेल चल रहा है।
महादेव बुक के देशभर में 35 लाख यूजर हैं और दो साल में 700 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार करने की जानकारी पुलिस को मिली है। महादेव बुक की एक मास्टर आइडी की कीमत 15 लाख रुपये है और मास्टर आइडी से बुकी को दी जाने वाली आइडी पांच लाख रुपये में बिक रही है। आइपीएल शुरू होने के पहले शहर के कई मकानों में कुछ युवा छात्र बनकर किराये पर रहने के लिए आए हैं।