कमलनाथ ने संभाली भारत जोड़ो यात्रा की बागडोर
भोपाल । भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी 20 नवम्बर को मध्यप्रदेश आ रहे हैं, जिसके चलते प्रदेशभर के कांग्रेसी उत्साहित तो हैं ही, वहीं जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हैं, क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी इस यात्रा की तैयारी की जा रही है और भाजपा की राज्य सरकार को भी घेरने वाले मुद्दे उठाए जाएंगे। इस पूरे आयोजन की बागडोर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभाल रखी है, जो रोजाना बैठकें कर रहे हैं और 8 नवम्बर को इंदौर भी जाएंगे। वहीं इस पैदल यात्रा में राहुल तेज-तेज कदमों से चलने के साथ दौड़ भी लगा रहे हैं, जिसके चलते थुलथुले और थकेले कांग्रेसियों को यह भी चिंता है कि वे यात्रा में कैसे उनके साथ कदमताल कर पाएंगे, लिहाजा कई वरिष्ठों ने इन नेताओं को अभी से अभ्यास करने की भी सलाह दे दी है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 8 नवम्बर को राहुल की यात्रा के मद्देनजर ही इंदौर जा रहे हैं। इस अवसर पर वे मीडिया से भी चर्चा करेंगे। उनके इंदौर प्रवास के कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी मीडिया समन्वयक के रूप में प्रदेश प्रवक्ता संतोषसिंह गौतम को सौंपी गई है। मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने इस आशय का पत्र भी इंदौर भिजवाया है, जिसमें अधिक से अधिक कवरेज मिलने पर जोर दिया गया।
दूसरी तरफ भारत जोड़ो यात्रा के मद्देनजर छोटे-बड़े, सभी कांग्रेसी और कार्यकर्ता उत्साहित हैं। लगभग 12 दिन यह यात्रा प्रदेश में रहेगी और 20-21 को इस यात्रा का प्रवेश होना है। केन्द्र से जुड़े महंगाई, रोजगार, किसानों से लेकर अन्य मुद्दों को तो राहुल अपनी यात्रा के दौरान उठा ही रहे हैं, वहीं विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश से जुड़े मुद्दों को भी रेखांकित किया जा रहा है। लगभग तीन दिन इंदौर में भी राहुल रहेंगे और यह भी प्रयास किए जा रहे हैं कि उज्जैन में बने महाकाल लोक को दिखाने और बाबा के दर्शन भी राहुल करेंगे। इंदौर के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल को भी प्रदेश अध्यक्ष ने जिम्मेदारी सौंपी है और अभी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में यहां के कांग्रेसी हैदराबाद भी गए थे और वहां राहुल से भी चर्चा हुई। यात्रा के मार्क को भी अंतिम रूप देने के प्रयास किए जा रहे हैं। हर बड़ा कांग्रेसी ये चाहता है कि उसके क्षेत्र से यात्रा गुजरे। वहीं युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी सलाह दी कि अभी से तेज चलने का अभ्यास भी शुरू कर लिया जाए। कमलनाथ ने वरिष्ठ नेताओं को भी अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। महू की जिम्मेदारी जीतू पटवारी को, तो उज्जैन यात्रा और वहां की आमसभा का जिम्मा शोभा ओझा को सौंपा गया है।