बिलासपुर । बिलासपुर जिले में सरकार की ओर से 64 अहाता के लिए टेंडर निकाला गया था । टेंडर में भी सभी अहातों के लिए आवेदन आए थे। टेंडर में सबसे ऊंची बोली लगाने वालों को इन अहातों का ठेका भी दिया गया, लेकिन समय सीमा के अंदर लाइसेंस लेने के लिए बैंक गारंटी व दस्तावेजों की जो प्रक्रिया पूरी करनी थी, उसे सिर्फ 3 लोगों ने किया है। शेष 61 लोगों ने अहाता चलाने से इनकार कर दिया है। इस तरह जिले में अहाता की योजना लगभग फेल होती नजर आ रही है। मामले में विभाग का कहना है कि इसका पता लगाया जा रहा है कि आखिकर क्या कारण है कि टेंडर में नाम निकलने के बाद इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने अहाता सरेंडर कर दिए हैं। उन्होंने कहा सभी अहाता ठेके पर जाएं इसका प्रयास किया जा रहा है।


राजधानी में 5 अहातों के ठेकेदार नहीं पहुंचे लाइसेंस लेने
रायपुर जिले में 56 अहातों का टेंडर निकाला गया था। इनमें से एक को छोडकऱ 55 अहातों के लिए बोली लगाई गई थी। टेंडर खोलने पर सबसे ज्यादा बोली लगाने वालों को अहाता का ठेका दिया गया है। टेंडर 10 मई को खोला गया था। इसके बाद सभी ठेकेदारों को 2 दिन के भीतर अहाता खोलने के लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया करनी थी। इस प्रक्रिया के दौरान ठेकेदारों को कुल ठेके की राशि का 6 प्रतिशत बैंक गारंटी के रूप में जमा कराना था। यह राशि जमा कराने के बाद ही ठेकेदार को लाइसेंस जारी होना था। बैंक गारंटी की राशि जमा करने का 14 मई को अंतिम दिन था। 55 में से 5 अहातों के ठेकेदार लाइसेंस लेने ही नहीं पहुंचे। विभाग ने जब उनसे मोबाइल पर संपर्क किया, तो सभी ने तरह-तरह के बहाने बताते हुए अहाता चलाने से इनकार कर दिया।


रायपुर में उंची बोली में बिकने वाले अहाते निरस्त
देशी उरला अभनपुर 45 लाख 11 हजार, विदेशी सहू 28 लाख 35 हजार, विदेशी कटोरातालाब 45 लाख 11 हजार, विदेशी फाफाडीह 30 लाख 65 हजार एवं देशी कम्पोजिट संतोषीनगर का ठेका 28 लाख 11 हजार में गया था।