कैंसर पीड़ित एक महिला की हाइरिस्क डिलीवरी
इंदौर के डॉक्टरों ने आंतों के कैंसर से पीड़ित एक महिला की सफलतापूर्वक डिलीवरी कराई है। आंतों के कैंसर से पीड़ित महिला को डॉक्टर नियमित रूप से कीमोथैरेपी दे रहे हैं। दो घंटे चली इस सर्जरी में गर्भवती व नवजात दोनों की जान को खतरा बना हुआ था। डॉक्टरों ने इमरजेंसी दवाएं देने के साथ उसे स्टेबल कर उसकी सर्जरी की। डिलीवरी के बाद प्रसूता व नवजात दोनों ही स्वस्थ हैं। मामला इंदौर निवासी 26 वर्षीय महिला का है। उसे आंतों का कैंसर है। अक्टूबर 2021 में इंदौर के ही एक प्राइवेट अस्पताल में कैंसर सर्जरी की गई। इसके बाद डॉक्टर ट्रीटमेंट के साथ नियमित रूप से कीमोथैरपी दे रहे थे। ट्रीटमेंट व कीमोथैरपी के दौरान प्रेग्नेंट हुई महिला के परिवार ने डिलीवरी कराने पर जोर दिया।
ट्रीटमेंट कर रहे डॉ. ए. नैयर ने बताया कि आमतौर पर कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए सरोगेसी ही संतान सुख पाने का एकमात्र विकल्प होता है लेकिन दूसरी ओर कई प्रयोग भी चल रहे हैं। ऐसे में डॉ. नैयर, डॉ. अंजलि पाटिल, डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. खुशबू व अन्य ने कहा डिलीवरी को लेकर जितनी जटिलता थी, उसे इमरजेंसी ट्रीटमेंट के तहत एक-एक कर नियंत्रित किया। करीब 10 दिनों बाद जब उसकी स्थिति ठीक हुई तो 30 जुलाई को उसका ऑपरेशन किया गया। इस दौरान उसे एक यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाई गई। उस दौरान महिला व नवजात सीरियस भी रहे। इसके चलते दोनों को आईसीयू में रखा गया। सोमवार को दोनों को आईसीयू से वार्ड में रैफर किया गया। अब दोनों की हालत खतरे से बाहर है। कैंसर ट्रीटमेंट और कीमोथैरेपी के दौरान डॉक्टरों ने हिदायत दी कि ऐसी स्थिति में प्रेग्नेंसी अडॉप्ट नहीं करना चाहिए। यह खतरनाक हो सकता है। इससे महिला व नवजात दोनों की जान को खतरा होता है। डॉक्टरों ने दंपती से कहा था कि कीमोथेरेपी न सिर्फ बाल झड़ने या भूख घटने की वजह बनती है बल्कि गर्भधारण पर भी बुरा असर डालती है। ऐसे में महिला के गर्भवती होने पर उसकी और बच्चे की जान को बचाना डॅाक्टरों के लिए सबसे मुश्किल काम होता है।