गोडम गौठान है स्वसहायता समूहों की आजीविका का आधार
सारंगढ़ बिलाईगढ़ : जिले के सारंगढ़ विकासखंड के गोडम गोठान का परिसर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) और महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के सहयोग ने 6 महिला स्व सहायता समूहों को आजीविका के लिए आधार प्रदान किया है।
आमतौर पर किसी आजीविका का वित्तीय सहारा मजबूत नहीं होता तो उसकी बुनियाद कमजोर मानी जाती है। इसी बुनियाद को राज्य सरकार ने स्थापित किया है। गौठान, आजीविका के लिए सभी स्व सहायता समूह को स्थान दे रहा है। वहीं बिहान और रीपा समूह को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। सावित्री स्व सहायता समूह आचार, बड़ी और साइकिल का सजावटी फूल बना रही है। इस समूह को दो लाख का ऋण मिला है। इनके समूह में 10 सदस्य हैं।
गोठान की गरिमा स्व सहायता समूह को रीपा की ओर से एक लाख 30 हजार रुपए का ऋण मिला है, जिनसे वह मुर्रा मशीन खरीदी है। इसी प्रकार महालक्ष्मी समूह को आलू चिप्स के व्यापार के लिए 7 लाख 85 हजार रुपए का पहली किस्त मिला है जिससे उन्होंने लगभग 10 लाख का मशीन खरीदी की है। मशीन को स्थापित करने, उत्पादन और भंडारण के लिए गौठान परिसर में में एक बड़ा सा शेड बना हुआ है। शीघ्र ही उत्पादन शुरू किए जाएंगे। संतोषी स्व सहायता समूह द्वारा वर्मी कंपोस्ट से जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है। पिछले दिनों 257 बोरी जैविक खाद की बिक्री की गई है और 150 बोरी की बिक्री कुछ दिनों में किया जाना है। इस समूह द्वारा फ्लाई ऐश ब्रिक्स की मशीन स्थापित हो चुकी है। इससे ईंट और सीमेंट खंभा का उत्पादन भी शुरू हो गया है। उजाला स्व सहायता समूह द्वारा गौठान परिसर में मुर्गी फार्म का संचालन किया जा रहा है। इसी प्रकार सुरभि स्व सहायता समूह द्वारा 25 लाख के लोन से प्रिंटिंग पैकेजिंग मशीन खरीदी की गई है और मशीन से उत्पादन चालू है। सभी समूह निरंतर कार्य कर रहे हैं। इनकी उपलब्धि और विकास ही राज्य सरकार की मंशा है।