महंगाई कारण धीमी पड़ रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी पड़ रही है। भारत पर भी इसका असर पड़ रहा है। इसके बावजूद भारत अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है।संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भू-राजनीतिक हालात, वित्तीय बाजार में अनिश्चितता और उच्च महंगाई के कारण भारत की विकास दर 2021 के 8.8 फीसदी से घटकर इस साल 6.4 फीसदी रह सकती है। वृद्धि दर में इस कटौती के बावजूद भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6 फीसदी रहने का अनुमान है। इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर भी घटकर 3.1 फीसदी रह सकती है। इससे पहले जनवरी, 2022 में इसके 4 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी पड़ रही है। भारत पर भी इसका असर पड़ रहा है। इसके बावजूद भारत अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है।संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भू-राजनीतिक हालात, वित्तीय बाजार में अनिश्चितता और उच्च महंगाई के कारण भारत की विकास दर 2021 के 8.8 फीसदी से घटकर इस साल 6.4 फीसदी रह सकती है। वृद्धि दर में इस कटौती के बावजूद भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6 फीसदी रहने का अनुमान है। इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर भी घटकर 3.1 फीसदी रह सकती है। इससे पहले जनवरी, 2022 में इसके 4 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था।