राजभवन में विराजे गोबर से बने गणपति
छत्तीसगढ़ के राजभवन में गोबर से बनाई गई भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित हुई है। राज्यपाल अनुसूईया उइके ने बुधवार शाम विधि-विधान से प्रतिमा की स्थापना कर पूजा-अर्चना की। इस प्रतिमा को दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शुद्ध देसी गाय के गोबर से तैयार किया है।
दुर्ग स्थित दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय से जुड़े पंचगव्य अनुसंधान केंद्र ने इस साल गाय के गोबर को शोधित कर उससे भगवान गणेश की प्रतिमाओं का निर्माण शुरू किया था। बुधवार को ऐसी ही एक प्रतिमा लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एन. पी. दक्षिणकर राजभवन पहुंचे थे। उन्होंने राज्यपाल अनसुईया उइके को इस वर्ष गणपति पूजन के लिए वह प्रतिमा भेंट की।
पूर्णतः रासायनिक पदार्थों से मुक्त प्रतिमा होने की वजह से यह पानी पौधों को किसी भी प्रकार से नुकसान नही पहुंचाता। विश्वविद्यालय ने 25 अगस्त से दुर्ग के पद्नाभपुर स्थित पशु चिकित्सालय परिसर में इन प्रतिमाओं की प्रदर्शनी भी लगाई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार देर शाम रायपुर लौटे। रात में मुख्यमंत्री निवास पहुंचने पर उन्होंने सबसे पहले वहां स्थापित भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। उनके पहुंचने से पहले ही मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और मुख्यमंत्री के परिजनों ने विधि विधान के साथ मुख्यमंत्री निवास में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की।