लाभकारी फसलों की खेती के लिए किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित
रायपुर : राज्य शासन के निर्देशानुसार जिलों में किसानों को धान के बदले अन्य लाभकारी फसलों की खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विशेष कृषि पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इसी तारतम्य में कांकेर जिले में किसानों को लाभदायी खेती की जानकारी देने के लिए समिति स्तर पर कृषि पखवाड़े के आयोजन का सिलसिला शुरू किया गया है, जिसमें किसानों को धान के बदले अन्य लाभकारी फसलों को अपनाने, रासायनिक खाद के स्थान पर वर्मीकम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। किसानों को सोसायटियों से वर्मी कम्पोस्ट खाद के साथ-साथ रासायनिक खाद के अग्रिम उठाव की समझाईश दी जा रही है। बीते दिनों पंखाजूर तहसील के ग्राम बड़े कापसी एवं भानुप्रतापपुर तहसील के ग्राम कोरर में विशेष कृषि पखवाड़ा का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि आदान सामग्री, कम्पोस्ट खाद का अग्रिम उठाव 30 जून करने, फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने, किसान सम्मान निधि हेतु पंजीयन, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, हाईब्रिड धान की खेती को लगातार एक ही खेत में न करने तथा सामान्य धान के स्थान पर लाभकारी सुगंधित धान की खेती करने और धान की खेती श्री विधि तकनीक से करने की समझाईश किसानों को दी गई। कृषि अधिकारियों ने बताया कि फसल चक्र अपनाने से किसानों की आय में वृद्धि होने के साथ ही भूमि के गुणवत्ता में सुधार, जल धारण क्षमता में वृद्धि, पर्यावरण सुधार तथा खेती की लागत में कमी आने से सीधा फायदा किसानों को मिलता है।
लेम्पस कोरर के कृषि पखवाड़ में ग्राम कोरर, सेलेगांव, चिल्हाटी, हरनपुरी, घोड़दा, कुर्री, डोंगरगाँव, राड़वाही, सेलेगोंदी इत्यादि गांवों से उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री हेमंत धु्रव ने किसानों को धान के अलावा अन्य लाभदायक फसलों जैसे-सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, दलहन, तिलहन, मक्का, रागी, कोदो, कुटकी और सब्जियों की खेती अपनाने की बात कही। उन्होंने किसानों को भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए महिला स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट खाद को अपने खेतों में उपयोग करने हेतु प्रेरित किया। कृषि पखवाड़ा शिविर को बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य श्री बिरेश ठाकुर ने किसानों एवं युवाओं को उन्नत तकनीक से व्यवसायिक खेती शुरू करने तथा शिक्षित युवाओं को विभिन्न विभागों में संचालित योजनाओं का लाभ उठाकर स्वयं का व्यवसाय शुरू करने की बात कही। कार्यक्रम को जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर के अध्यक्ष श्रीमती बृजबती मरकाम, उपाध्यक्ष सुना राम तेता, किरण नागराज ने भी संबोधित किया।
कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी प्रवीण कवाची ने जैविक खाद की उपयोगिता बताते हुए कहा कि रासायनिक खाद, कीटनाशक, खरपतवार नाशक के असंतुलित मात्रा में अत्यधिक उपयोग से मानव स्वास्थ्य के साथ भूमि का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के बेतहाशा उपयोग से खेतों में मिलने वाले मित्र कीट, घोंघी, केंचुवा कीड़ा, सिप, विलुप्त होते जा रहे हैं। ये मित्र कीट मिट्टी की संरचना को तोड़ कर भूमि के विभिन्न गहराई से पोषक तत्वों को फसलों के जड़ों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। रासायनिक खाद की बढ़ती कीमतों व कृषि लागत को कम करने के लिए उन्होंने किसानों को रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भूमि की उर्वर शक्ति बनाए रखने के लिए किसानों को गोठानो में निर्मित गोबर से बनी वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद को खेतों में अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।