एक साल बाद भी 105 आरओबी फाइलों में कैद
भोपाल । रेलवे फाटक और क्रासिंग पर रोजाना लगने वाली भीड़ से निजात दिलाने के लिए सरकार ने करीब एक साल पहले वर्ष 2021-22 के बजट में 105 आरओबी बनाने की घोषणा की थी। लेकिन एक साल से अधिक समय के बाद भी अभी तक एक भी आरओबी का टेंडर नहीं हो पाया है। 105 में से सर्वाधिक 12 आरओबी सागर जिले में बनेंगे। भोपाल में पांच, इंदौर में छह, जबलपुर में नौ, बालाघाट में छह, मंदसौर में पांच, सीहोर में चार, उज्जैन में सात, दमोह में चार, नरसिंहपुर में छह, सतना में पांच, रतलाम में चार,खरगोन में तीन सहित अन्य जिलों में ब्रिज का निर्माण होगा।जानकारी के अनुसार, बजट में स्वीकृत इन सभी आरओबी का सालभर के भीतर काम प्रारंभ हो जाना था, लेकिन लोक निर्माण विभाग एक भी आरओबी का टेंडर अब तक नहीं कर पाया। जबकि, 36 आरओबी के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार हो चुके हैं। सरकार ने सिर्फ उज्जैन, सागर, भोपाल और दमोह के ब्रिज की ही प्रशासकीय स्वीकृति दी है। एक ब्रिज बनाने में औसतन 30 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसमें 50 प्रतिशत राशि केंद्र और इतनी ही राज्य सरकार को व्यय करनी होगी।
तीन साल में होना है निर्माण
गौरतलब है कि प्रदेश में पहली बार एक साथ बजट में एकमुश्त 105 आरओबी स्वीकृत किए गए थे। इनका निर्माण तीन साल में चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रारंभिक तैयारी भी कर ली। 36 आरओबी के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन भी तैयार कर लिए, लेकिन प्रशासकीय स्वीकृति सिर्फ चार आरओबी को मिल पाई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 70 ब्रिज निर्माण के लिए रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण हो चुका है। अब विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार होगा। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने बजट में प्रविधान भी कर दिया था, लेकिन वित्त विभाग ने जो वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए थे, उसमें 36 ब्रिज का काम प्रारंभ नहीं किया जा सकता है। इसके लिए निजी वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने के प्रयास भी किए गए, जोसफल नहीं हुए। इसे देखते हुए सरकार ने कम राशि के कामों को प्राथमिकता दी। यही वजह है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक एक भी ब्रिज के निर्माण के लिए निविदा तक आमंत्रित नहीं की जा सकीं। इस मामले में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि केंद्र सरकार एक साथ 105 आरओबी को स्वीकृति देने पर सहमति जताई थी, इसलिए एक बार में बजट में इन सभी को शामिल किया गया। ब्रिज निर्माण के लिए संयुक्त निरीक्षण होता है और उसके आधार पर स्थल का निर्धारण करके विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाता है। 36 ब्रिज की डीपीआर बन चकी हैं। निविदा आमंत्रित करने की विभागीय स्तर पर तैयारियां हो चुकी हैं। प्रशासकीय स्वीकृति जल्द प्राप्त करके टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।