निर्मला सप्रे की विधायकी आधी इधर आधी उधर
भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई भाजपा की प्रदेश स्तरीय बैठक में विधायक निर्मला सप्रे की विधायकी चर्चा का विषय बनी रही। निर्मला सप्रे ने भाजपा की बैठक से दूरी बनाई और अपनी विधानसभा क्षेत्र में ताबड़तोड़ दो भूमिपूजन किए, लेकिन भूमिपूजन के कार्यक्रमों में भाजपा नेताओं के साथ नजर आईं और इन सौगातों को सरकार की उपलब्धि बताया।मध्य प्रदेश विधानसभा में निर्मला सप्रे कांग्रेस के कोटे से विधायक हैं। भाजपा प्रदेश कार्यालय में पिछले दिनों हुई बैठक में निर्मला सप्रे शामिल हुई थीं, लेकिन स्पष्ट किया था कि उन्होंने भाजपा की सदस्यता नहीं ली है। आज फिर भाजपा में हुई बैठक में सांसद, विधायकों से लेकर भाजपा नेताओं को बुलाया गया था, लेकिन निर्मला सप्रे नहीं पहुंचीं। बैठक में मौजूद कई नेता सभागार में निर्मला सप्रे को तलाशते दिखे, जब भाजपा कार्यालय में बैठक चल रही थी, उस दौरान निर्मला सप्रे अपनी बीना विधानसभा में भूमिपूजन करती हुई नजर आईं, उनके साथ में भाजपा नेता भी थे।
भाजपा की बैठक से बनाई दूरी, लेकिन सरकार के घोषित कामों का किया भूमिपूजन
इतना ही नहीं भूमिपूजन के फोटो अपने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं का जिक्र भी किया। इधर, निर्मला सप्रे किस दल में हैं, इस सवाल पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि निर्मला सप्रे खुद की कह चुकी हैं कि उनका कांग्रेस से मोहभंग हुआ है। उन्होंने कहा है कि काम के लिए वो मुख्यमंत्री जी से मिलती हैं तो इसे भाजपा से जोडक़र नहीं देखा जाना चाहिए।आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के बीच निर्मला सप्रे ने अन्य कांग्रेस विधायकों की तरह भाजपा ज्वाइन की थी, लेकिन अन्य विधायकों की तरह उन्होंने अब तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। कांग्रेस छोडक़र मंत्री बनने के बाद भी रामनिवास रावत की उपचुनाव में हार हुई तो कयास लगाए जा रहे हैं कि उपचुनाव के भंवर में निर्मला सप्रे फंसने से बच रही हैं। इधर कांग्रेस की ओर से दाखिल किया गया दलबदल कानून के तहत निर्मला सप्रे की विधायकी समाप्त करने का मामला विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास लंबित है।