SBI की 3.5 लाख करोड़ की राशि पर खुली बहस, क्या है इसका स्रोत?

नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की सीक्रेट मनी के बारे में शायद ही किसी को पता हो. लेकिन, वित्त मंत्रालय के एक आदेश के बाद यह राज खुलकर सभी के सामने आ गया है. विश्लेषकों ने अनुमान जताया है कि एसबीआई 3.5 लाख करोड़ रुपये की गोल्डमाइन पर बैठा हुआ है, जिस पर अब सरकार की नजर है. वित्त मंत्रालय ने पिछले दिनों एक आदेश में कहा था कि सभी सरकारी बैंकों को अपने नॉन कोर एसेट का मोनेटाइजेशन कर देना चाहिए.
वित्त मंत्रालय के इस आदेश का मतलब है कि बैंकों को अपने ऐसे सभी बिजनेस जो उनके मूल काम लोन बांटने और बैंकिंग सेवाओं से अलग हैं, उनका मौद्रिकरण करके पैसे सरकार को दे दिए जाने चाहिए. एसबीआई के पास ऐसे 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार है. एसबीआई के पास म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और भुगतान सेवाओं का एक बड़ा कारोबार है. बजाय इसके कि एसबीआई का सबसे बड़ा बैंक है.
एसबीआई को कितना मुनाफा
एसबीआई के कारोबार की बात करें तो उसे पिछले वित्तवर्ष में 70 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा मुनाफा हुआ है. हालांकि, उसका कारोबारी मुनाफा कम होने लगा है. अगर एसबीआई अपने आईपीओ बिजनेस से आगे बढ़कर सोचे तो उसका मार्केट कैप कहीं ज्यादा पहुंच सकता है. एसबीआई की सब्सिडियरी कंपनियों का मार्केट कैप 3.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. ओम्नीसाइंस कैपिटल के मुख्य निवेश रणनीतिकार और सीईओ विकास गुप्ता का कहना है कि अगर होल्डिंग कंपनी के डिस्काउंट और ओवरवैल्यूएशन को छोड़ भी दिया जाए तो भी इसका वैल्यूएशन 2.5 लाख करोड़ से ज्यादा ही रहेगा. यह एसबीआई के मौजूदा मार्केट 7.1 लाख करोड़ रुपये का एक तिहाई हिस्सा है.
नॉन कोर बिजनेस से कितना मुनाफा
एसबीआई की गैर सूचीबद्ध कंपनियों जैसे SBI Mutual Fund, SBI General Insurance और SBI Capital Markets का उसके कुल मुनाफे में बड़ा हिस्सा है. वित्तवर्ष 2025 की रिपोर्ट देखें तो पता चलता है कि इन कंपनियों का टैक्स से पहले का कुल मुनाफा 14,217 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा हो गया है. इसमें से भी एसबीआई म्यूचुअल फंड 15 लाख करोड़ के एयूएम के साथ सबसे बड़ा नॉन कोर बिजनेस है. उसके पास एएमसी का 63 फीसदी कारोबार है.
आईपीओ आया तो कितना बड़ा होगा
विश्लेषकों का मानना है कि अगर एसबीआई अपने म्यूचुअल फंड बिजनेस को बाजार में लिस्ट कराता है तो इसका वैल्यूएशन 60 से 75 हजार करोड़ रुपये के आसपास होगा, जिसमें एसबीआई की हिस्सेदारी 37 से 47 हजार करोड़ रुपये होगी. यह वैल्यूएशन एचडीएफसी एएमसी से ज्यादा पीछे नहीं है. मोतीलाल ओसवाल ने अपने हालिया नोट में कहा था कि एसबीआई म्यूचुअल फंड का आईपीओ दूसरा बड़ा मोनेटाइजेशन होगा.
दूसरी कंपनियों में कितना हिस्सा
म्यूचुअल फंड बिजनेस के अलावा एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में भी एसबीआई का 70 फीसदी हिस्सा है. किसी भी बीमा कंपनी के लिहाज से यह 5वीं बड़ी कंपनी है. पिछले वित्तवर्ष में एसबीआई जनरल को 500 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. इसका आईपीओ आता है तो कंपनी का वैल्यूएशन 10 से 12 हजार करोड़ रुपये का होगा. एसबीआई का अन्य कंपनियों में भी बड़ा हिस्सा है. एसबीआई कैपिटल मार्केट, एसबीआई डीएफएचआई, एसबीआई पेमेंट और एसबीआई ग्लोबल फैक्टर्स, जिसमें एसबीआई का हिस्सा 1 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. एसबीआई लाइफ का मार्केट कैप 1.2 लाख करोड़ है, जिसमें 56 फीसदी हिस्सेदारी एसबीआई बैंक की है, जो करीब 67 हजार करोड़ रुपये होगा.